...

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आगाज़ ए जिंदगी
आगाज़ ए जिंदगी कुछ इस तरह हुआ,
जो दूसरो ने कहा वो ही किया,

खुद अपनी मर्जी से भी नहीं रोए,
वो अब अपनी मर्जी से जीने चले,

ये पुराने सलीके को बदलना जितना मुश्किल,
उतना उस राह पे आगे बढ़ना मुश्किल,

मगर करना वही है ये तय किया,
और ये आगाज़ ए जिंदगी जो भी हुआ,
अंजाम ए जिंदगी होगा मेरी ख्वाइश जैसा।

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