40 views
कटी पतंग
एक पतंग का किस्सा सुनो,
जब है डोर किसी के हाथ में,
वो उड़ती जाए नीले आकाश में,
एक अंधे विश्वास में,
लगता है उसको मैं हूं उन्मुक्त गगन की रानी,
लेकिन जैसे ही कट जाए ,
कौन जाने जीवन किन हाथो में अब जाए ,
फिर दोबारा एक नया मालिक,
एक नया जूठा विश्वास वो खुद मै पनपाए,
फिर भी उड़ती जाए।।
© nehachoudhary
जब है डोर किसी के हाथ में,
वो उड़ती जाए नीले आकाश में,
एक अंधे विश्वास में,
लगता है उसको मैं हूं उन्मुक्त गगन की रानी,
लेकिन जैसे ही कट जाए ,
कौन जाने जीवन किन हाथो में अब जाए ,
फिर दोबारा एक नया मालिक,
एक नया जूठा विश्वास वो खुद मै पनपाए,
फिर भी उड़ती जाए।।
© nehachoudhary
Related Stories
43 Likes
2
Comments
43 Likes
2
Comments