कहना तो बहुत कुछ है तुझसे
कहना तो बहुत कुछ चाहता हूँ तुझसे,
मगर कह कहाँ पाता हूँ
सच तो है की जीना है तेरे बगैर
पर एक पल भी कहाँ रह पाता हूँ
कोशिश हर बार होती है तुझे भुलाने कि पर एक पल भी कहाँ भुला पाता हूँ
देखना चाहता हूँ हर रात सपने
पर मैं खुद को सुला नहीं पाता हूँ...
मगर कह कहाँ पाता हूँ
सच तो है की जीना है तेरे बगैर
पर एक पल भी कहाँ रह पाता हूँ
कोशिश हर बार होती है तुझे भुलाने कि पर एक पल भी कहाँ भुला पाता हूँ
देखना चाहता हूँ हर रात सपने
पर मैं खुद को सुला नहीं पाता हूँ...