...

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" माँ " को समर्पित कविता
हम फूल है चमन के,
माँ बागवान है |
हम अगर Star है गगन के,
तो माँ आसमान हैं |
माँ वो अमृत है,
जिसे पीके कोई भी प्यासा नहीं |
माँ पर करने लगे शब्दों का बया,
तो ये आसमान कम पड जाए |
वैसे तो है आज माँ का दिन,
पर मेरी तो हर क्षण है "माँ" के नाम |
मानते है आभार उस भगवान का,
जिन्होंने दिया हमें माँ का वरदान ||

-शिवभक्त