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Ek Adhuri si mein - Humari Adhuri kahani mein
Ek Adhuri si mein - Humari Adhuri kahani mein
एक आह निकली थी
तुमने जब हाथ छोड़ा था
मैं अकेली खड़ी थी
तुमने जब मुंह मोड़ा था
तेरी गोद में सोने की चाह थी
तेरे गले लग कर रोना था
मुझे किसी और की तलब नहीं थी
मुझे सिर्फ तेरा होना था
ख्वाइशों में भी अब वो बात न थी
मजबूरियों का भी अब साथ न था
तेरी मेरी ही अधूरी कहानी थी
दुनिया वालों का इसमें हाथ न था
चल भूल जा की मैं तेरी थी
भूल जा की तू मेरा था
हमारी आधी कहानी थी
साथ भले ही पूरा था
© firkiwali
एक आह निकली थी
तुमने जब हाथ छोड़ा था
मैं अकेली खड़ी थी
तुमने जब मुंह मोड़ा था
तेरी गोद में सोने की चाह थी
तेरे गले लग कर रोना था
मुझे किसी और की तलब नहीं थी
मुझे सिर्फ तेरा होना था
ख्वाइशों में भी अब वो बात न थी
मजबूरियों का भी अब साथ न था
तेरी मेरी ही अधूरी कहानी थी
दुनिया वालों का इसमें हाथ न था
चल भूल जा की मैं तेरी थी
भूल जा की तू मेरा था
हमारी आधी कहानी थी
साथ भले ही पूरा था
© firkiwali
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