कोई शायर कैसे बना
मेरे रब ने कभी किसी को खूब दे दीया
कभी कोई कतरे कतरे को रोया।
कभी किसी की हर जिद सुन ली
कभी कोई तरप कर हर लम्हा खोया।
युही थोरेही कोई शायर बना
शायर पहले बरबाद हुआ
फिर शायरियाँ आबाद हुई।
फिर शायर हसा
की कुछ हासिल ना हो पाना ही अपना पेशा हुआ।
© ---AFNAN SIDDIQUE .
कभी कोई कतरे कतरे को रोया।
कभी किसी की हर जिद सुन ली
कभी कोई तरप कर हर लम्हा खोया।
युही थोरेही कोई शायर बना
शायर पहले बरबाद हुआ
फिर शायरियाँ आबाद हुई।
फिर शायर हसा
की कुछ हासिल ना हो पाना ही अपना पेशा हुआ।
© ---AFNAN SIDDIQUE .