बच्चे अब बूढ़े होते जा रहें हैं
इश्क़ क्या है,हमें सिखा रहे हैं
बच्चे अब बूढ़े होते जा रहे हैं
मछली को पीठ पे बिठा बगुले
गड्ढे से दरिया में ले जा रहे हैं
बैठा है कल से कोयलों का गला
कल से महफ़िल में कौवे गा रहे हैं
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बच्चे अब बूढ़े होते जा रहे हैं
मछली को पीठ पे बिठा बगुले
गड्ढे से दरिया में ले जा रहे हैं
बैठा है कल से कोयलों का गला
कल से महफ़िल में कौवे गा रहे हैं
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