...

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इम्तिहान है
न कोई एहसान है
न कोई इम्तिहान है
जीवन में जो मिला
वह मुस्कान है

तुम तुम्हारे लिए
हम हमारे लिए
स्वार्थ क्यों रखना
जी सभी के लिए

दुःख का होना
अब क्या रोना
जिंदगी इक दौलत
तुम खुब हंसना।

© जितेन्द्र कुमार 'सरकार'