...

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आख़िर कब ये दूरियां प्यार से बड़ी हो गई?
दूरी इतनी भी न थीं
कि बातें जाए अनकही
तुम हाथ तो बढ़ा के देखते
मिलते हम
तुम तक आने वाले रास्तों में कहीं।

दूरियां हमारे दरम्यान इतनी भी न थीं
कि न समझ पाए इक दूसरे की मजबूरी
दिल के राज़ बता के तो देखते
सुनते हम
उन सारे जज्बातों से,...