नारी
कहने को तो ये सिर्फ दो वर्णों का है
पर इससे ही मनुष्य का अस्तित्व टिका है...
नारी शक्ति को लोग यहाँ बढ़ावा देते हैं
और फिर उन्ही को आगे बढ़ने से रोकते हैं...
ऐसे तो नारी को माता का स्थान दिया जाता है
पर असल में तो सिर्फ उसका अपमान किया जाता है...
वो अपनी पूरी ज़िंदगी
एक घर को संभालने में
गुज़ार देती है....
इतना दुःख सहती है
पर किसी से एक...
पर इससे ही मनुष्य का अस्तित्व टिका है...
नारी शक्ति को लोग यहाँ बढ़ावा देते हैं
और फिर उन्ही को आगे बढ़ने से रोकते हैं...
ऐसे तो नारी को माता का स्थान दिया जाता है
पर असल में तो सिर्फ उसका अपमान किया जाता है...
वो अपनी पूरी ज़िंदगी
एक घर को संभालने में
गुज़ार देती है....
इतना दुःख सहती है
पर किसी से एक...