...

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निगाहें बेज़ुबान
थी हमारी
आपसे ऑंखे मिली आँखो में जान आ गयी

जब से आपकी छवि बसी है आँखो में
तब से बाहर आ गयी है ज़िंदगी में

डरने लगे है अब तो रोने से कहीं
बह ना जाये आपकी छवि

सुरमा लगाने लगी हुँ मैं अब तो आँखो में
कोई...