ज़िंदगी ख़्वाब में बसर करते ۔۔۔
दर्द से खुद को बे'खबर करते ।
ज़िन्दगी ख़्वाब में बसर करते ।।
तुमको मिलती न फिर कोई मंज़िल ।
इश्क़ में तुम अगर सफ़र करते ।।
ज़िक्र होता...
ज़िन्दगी ख़्वाब में बसर करते ।।
तुमको मिलती न फिर कोई मंज़िल ।
इश्क़ में तुम अगर सफ़र करते ।।
ज़िक्र होता...