...

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मैं और मेरे साथ भी मैं
फितरत ऐसी की जी चाहता है
उनकी अदा को उन्ही से चुरा लू।

बिखर कर हवाओं में हर पल
अपनी सांसों से उनकी महक को चुरा लू।

मिला दे तू उनसे कभी ओ खुदाया
उनकी हंसी को लबो पे बसा लू।

ख्वाहिश है मेरी इजाजत तो देना
उतर कर मैं उनमे मैं खुद को छुपा लू।
© Danish ppt