5 views
स्वीकार
#स्वीकार
अगर -मगर कुछ तो कहा होगा?
उसने स्वीकार कुछ तो किया होगा?
ऐसे ही कहा जुड़ते है रिश्ते आज कल,
जरुर कोई ऊंचा ख्याल उसने दिया होगा।
जब भी मैं सोता हूं नीद अच्छी आती है ,
मानो हर रोज सोने पर उसने याद किया होगा।
और आजकल मैं बेचैन रहता हूं उसके बिना,
फिजूल तो नहीं शायद सच्चा प्यार किया होगा।
लोग प्यार में जीने मरने की कसमें खाते हैं ,
आशिक ओ जो हर पल उसके साथ जिया होगा।
मैं सोचता हूं की मैं तुम्हारा हूं और कुछ भी नहीं,
जो तुम न होगी तो इस नाचीज़ का क्या होगा।
स्वीकार करना जरूरी है की प्यार बहुत है तुमसे,
ये इश्क है हो गया मुझे इसके सिवा क्या होगा।।
अरुण
© अरुण कुमार शुक्ल
अगर -मगर कुछ तो कहा होगा?
उसने स्वीकार कुछ तो किया होगा?
ऐसे ही कहा जुड़ते है रिश्ते आज कल,
जरुर कोई ऊंचा ख्याल उसने दिया होगा।
जब भी मैं सोता हूं नीद अच्छी आती है ,
मानो हर रोज सोने पर उसने याद किया होगा।
और आजकल मैं बेचैन रहता हूं उसके बिना,
फिजूल तो नहीं शायद सच्चा प्यार किया होगा।
लोग प्यार में जीने मरने की कसमें खाते हैं ,
आशिक ओ जो हर पल उसके साथ जिया होगा।
मैं सोचता हूं की मैं तुम्हारा हूं और कुछ भी नहीं,
जो तुम न होगी तो इस नाचीज़ का क्या होगा।
स्वीकार करना जरूरी है की प्यार बहुत है तुमसे,
ये इश्क है हो गया मुझे इसके सिवा क्या होगा।।
अरुण
© अरुण कुमार शुक्ल
Related Stories
6 Likes
2
Comments
6 Likes
2
Comments