...

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"" तुझे चाहता है ""
" गुजरती है मुझ-पर यूं बेतहाशा , "खुदा" कसम मुझे यह गम भी बड़ी शिद्दत से चाहता है ..........,
हो रही है यू निर्मम बर्बादी मेरे "अश्कों" की ,यू रोज आंखों में यह कौन-सा दर्द आता है .....?
बेखबर , बेबस , "हालत "हुई है मेरी..... ,
रोते हैं , जीते हैं , तेरी यादों में और मेरी जिंदगी में यह गमो का कैसा? मौसम मंडराता है ...........!!!


कब ? बरसे ये "सावन " गमों की बहारों का , यह सोच एक ख्याल आता है ...,
ख्वाहिश होती है तुझे एक पल देखने की ,
फिर वही "टूटे "ख्वाबों का अंजाम ये दिल बतलाता है ......
कैसे? रू-ब-रू करवाए तुझे मेरे दिल-ए-हाल से ......,
ना समझ , यह "कमबख्त " दिल बस तुझे चाहता है ........
बस तुझे चाहता है......!!

JANKI KUNWAR
14.8.22
(7:03AM)
@jankikunwar23