ए बदरी
सुखि गइलें पोखरा आ जर गइलें टपरी , ए बदरी ।
कउना बात पे कोहाइ गइलू ए बदरी ।
देखा पेड़वा झुराई गइलें ए बदरी ।
बनरा के पेट पीठ एक भइलें घानी ।
कहा काहें होत बाटे राम मनमानी ।
गोरुअन के बेटवा क पेटवा ह खपरी , ए बदरी ।
कउना बात पे कोहाइ गइलू ए बदरी ।
देखा पेड़वा झुराई गइलें ए बदरी ।
संझवा बिहनवा में कमवा न सपरी ।
होते दुपहरिया भुजाई जालीं मछरी ।
नदिया में...
कउना बात पे कोहाइ गइलू ए बदरी ।
देखा पेड़वा झुराई गइलें ए बदरी ।
बनरा के पेट पीठ एक भइलें घानी ।
कहा काहें होत बाटे राम मनमानी ।
गोरुअन के बेटवा क पेटवा ह खपरी , ए बदरी ।
कउना बात पे कोहाइ गइलू ए बदरी ।
देखा पेड़वा झुराई गइलें ए बदरी ।
संझवा बिहनवा में कमवा न सपरी ।
होते दुपहरिया भुजाई जालीं मछरी ।
नदिया में...