...

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तजुर्बा
न कुछ बोल जुबां से चेहरा राज़ बता देता है,
वक्त वो आईना है जो सब कुछ दिखा देता है.
खामोश नजरें भी बहुत कुछ बयां कर देती हैं
कहने से पहले ही हाल ए दास्तान सुना देता है.
सच यही है मानो या न मानो मर्जी है आपकी,
तजुर्बा वह चीज है जो सब कुछ सिखा देता है.
दोस्त बहुत मिलते हैं यहाॅं मतलब के नाम पर,
कौन कहता है कि सिर्फ दुश्मन ही दगा देता है.
"भानु"सर पटकना फिजूल है आस के द्वार पर,
तमन्ना पूरी होती नहीं दिल सलाह नेक देता है.