...

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कैसे जिऊं मैं
कहीं नज़रे बुरी हैं
कहीं खयाल बुरा हैं
थोड़ा सा मुस्कुरा लूं
देख कर किसी को
तो सवाल बड़ा है
बात करते देख लिया
लड़को से लोगों ने
बातें बहुत हैं थोड़ा
सज संवर लिया तो
इतना सजने संवरने
लगी कोई बात है क्या
किसी ने कुछ कह दिया
तो घर से अकेले मत जाओ
बाहर ये कह दिया जाता हैं

मुझे नहीं पता ये सारी दुनिया अच्छी है
या बुरी हैं इतना ही जानती हूं आगर नियत
अच्छी रखोगे तो अच्छा ही दिखेगा चाहें वो
तुम्हारी बेटी हों या बहन हों या किसी दुसरे की
जब अच्छा देखोगे सुनोगे तो अच्छा ही मिलेगा जो करोगे आगे वहीं आयेगा
नज़रिया बदलिए लोग नहीं सोच बदलिए कपड़े नहीं

#WritcoQuote @Writco #WritcoPeomChallenge #writcopoem