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ईश्वर की माया
इत्र भरा
नीर सजा
जैसे कोई मधुवन में आया हो
जग महक उठा
नभ चहक उठा
जैसे कोई जग जग में छाया हो
हरित धरा
कुसुम खिला
जैसे कोई माली ही आया हो
नाच दिखा
आंख चुरा
जैसे कोई प्रियतम से शरमाया हो
होश गवां
झूम उठा
जैसे कोई मदिरा की काया हो
कमल खिला
तेज बड़ा
जैसे कोई देवी का साया हो
प्रीत जगा
शीश झुका
जैसे कोई ईश्वर की माया हो
जैसे कोई ईश्वर की माया हो
© Navi
नीर सजा
जैसे कोई मधुवन में आया हो
जग महक उठा
नभ चहक उठा
जैसे कोई जग जग में छाया हो
हरित धरा
कुसुम खिला
जैसे कोई माली ही आया हो
नाच दिखा
आंख चुरा
जैसे कोई प्रियतम से शरमाया हो
होश गवां
झूम उठा
जैसे कोई मदिरा की काया हो
कमल खिला
तेज बड़ा
जैसे कोई देवी का साया हो
प्रीत जगा
शीश झुका
जैसे कोई ईश्वर की माया हो
जैसे कोई ईश्वर की माया हो
© Navi
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