...

16 views

ईश्वर की माया
इत्र भरा
नीर सजा
जैसे कोई मधुवन में आया हो

जग महक उठा
नभ चहक उठा
जैसे कोई जग जग में छाया हो

हरित धरा
कुसुम खिला
जैसे कोई माली ही आया हो

नाच दिखा
आंख चुरा
जैसे कोई प्रियतम से शरमाया हो

होश गवां
झूम उठा
जैसे कोई मदिरा की काया हो

कमल खिला
तेज बड़ा
जैसे कोई देवी का साया हो

प्रीत जगा
शीश झुका
जैसे कोई ईश्वर की माया हो
जैसे कोई ईश्वर की माया हो
© Navi