ईश्वर की माया
इत्र भरा
नीर सजा
जैसे कोई मधुवन में आया हो
जग महक उठा
नभ चहक उठा
जैसे कोई जग जग में छाया हो
हरित धरा
कुसुम खिला
जैसे कोई माली ही आया हो
...
नीर सजा
जैसे कोई मधुवन में आया हो
जग महक उठा
नभ चहक उठा
जैसे कोई जग जग में छाया हो
हरित धरा
कुसुम खिला
जैसे कोई माली ही आया हो
...