...

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हर रूप में माँ
हर रूप में मुझे माँ ही नज़र आती हैं,
जन्म लिया मैंने, इस धरती पर धारिणी माँ तू कहलाती हैं,
हर रूप में मुझे माँ ही नज़र आती है।।

खेला कूदा जिस आँगन में,
पग-पग तू मुझको खिलाती है,
हर रूप में मुझे माँ ही नज़र आती है।।

न था कोई पास मेरे उस पथ,
जिस वन में कलियाँ खिल जाती है,
प्राकृतिक रूप धारण करके,
तू मेरे पास आ जाती है,
हर रूप में मुझे माँ ही नज़र आती है।।

अन्त समय में इतना प्यार,
फिर से वो मुझको अपने आँचल में छिपा लेती है,
हर रूप में मुझे माँ ही नज़र आती है।।
© Fight With God