...

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तन्हा
अक्सर मेरी तन्हाई मुझसे सवाल करती मै इतनी बुरी तो नहीं ना कोई शोर होता है ना कोई चारो ओर होता है,
ना तुझे कोई चोट पहुचायेगा ना तुझे कोई सताएगा पर फिर क्या ऐसा पाना था तुझे जो लोगो कि भीड़ में जाना था तुझे।
क्या तन्हा इतना बुरा होना है।
तन्हा होके अब मुझे ये समझ आया खुद का वक्त बस खुद के साथ बिताओ क्यों कि तुम्हारे समय की कदर बस तुम्हे होना है दूसरो के लिए तो तुम बस खिलौना हो।
अब शायद समझ आया कि तन्हा इतना भी बुरा नहीं होना है।

© @kajalgupta