ममता की छाव में
घुटनो से रेंगते रेंगते
कब पैरो पर खड़ा हुआ
तेरी ममता की छाव में
ना जाने कब बड़ा हुआ
काला टीका दूध मलाई
आज भी सब कुछ वैसा हैं
एक मैं ही मैं हूँ हर जगह
प्यार ये तेरा कैसा हैं
सीदा-सादा , भोला-भाला
मैं ही सबसे अच्छा हूँ
कितना भी हो जाऊं बड़ा माँ
मैं आज भी तेरा बच्चा हूँ
कैसा था नन्हा बचपन वो
माँ की गोद सुहाती थी ,
देख देख कर बच्चों को वो
फूली नहीं समाती...
कब पैरो पर खड़ा हुआ
तेरी ममता की छाव में
ना जाने कब बड़ा हुआ
काला टीका दूध मलाई
आज भी सब कुछ वैसा हैं
एक मैं ही मैं हूँ हर जगह
प्यार ये तेरा कैसा हैं
सीदा-सादा , भोला-भाला
मैं ही सबसे अच्छा हूँ
कितना भी हो जाऊं बड़ा माँ
मैं आज भी तेरा बच्चा हूँ
कैसा था नन्हा बचपन वो
माँ की गोद सुहाती थी ,
देख देख कर बच्चों को वो
फूली नहीं समाती...