...

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देखना ऐ लाल गुलाब
अपने माली की इस बाग़ियाँ को "
बेवजहा छोड़कर जो तू जाएगा
देखना ऐ लाल गुलाब
तू एक दिन बहुत पछताएगा ।

अपनी इत्र जैसी इस खुशबू को "
फिर तू इस बाग़ियाँ मे ही छोड़ जाएगा
देखना ऐ लाल गुलाब
तू खुद को ज्यादा देर ना महका पाएगा ।

छोड़कर अपनी इस डाली को "
कहाँ तू जाएगा
देखना ऐ लाल गुलाब
सबके पैरों से तू रौंदा जाएगा ।

अपनी इस खुबसूरती से फिर "
तू किसी को ना लुभा पाएगा
देखना ऐ लाल गुलाब
तू बहुत जल्दी मुरझायेगा ।

रुला कर अपने माली को "
पैसों से जो तू बिक जाएगा
देखना ऐ लाल गुलाब
तुझे कोई संभाल ना पाएगा ।

रोज़ डे वाले दिन "
जो तू आसमान छू जाएगा
देखना ऐ लाल गुलाब
अगली सुबह तू जमीन पर गिर जाएगा ।

माली के साथ बिताया हर-लम्हा तुझे याद आएगा"
पानी की एक-एक बूंद को जब तू तरस जाएगा
देखना ऐ लाल गुलाब
माली से दूर हो कर तू भूखा ही मर जाएगा ।

जिस मिट्टी ने तुझे बनाया है "
उस मिट्टी को जो तू ठुकराएगा
देखना ऐ लाल गुलाब
फिर से तू उसी मिट्टी मे मिल जाएगा ।