सन्ध्या अरज
सन्ध्या की चित्रकारी से
मैं मांगती हूं फिर एक सवेरा
पक्षियों की गुंज से
मैं मांगती हूं फिर मधुर मिठास
नदियां सागर रेत से भरे आनंद
मैं...
मैं मांगती हूं फिर एक सवेरा
पक्षियों की गुंज से
मैं मांगती हूं फिर मधुर मिठास
नदियां सागर रेत से भरे आनंद
मैं...