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ख्वाईशे और भी है
"नेतिरी" कहती है, हमने अपनी ऊर्जा ब्रह्माण्ड से उधार ली हुई है, एक न एक दिन इसे लौटना पड़ेगा
जैक उसकी हर बात पर विश्वास करता है
प्रेम भी तो ऊर्जा ही है जो ब्रह्मांड ने हमे उधार दी हुई है।
बिल्कुल हाइड्रोजन के दो परमाणुओं की तरह। उनका मुस्कुराना और हीलियम का बन जाना। हंसना और फोटॉन से प्रकाश का जगमगाना!!
कहते है "सन नेवर स्टॉप्स शाइनिंग"
लेकिन इसके पश्चिगामी होते ही अंधेरा हो जाता है, दुनिया रुक जाती है। धैर्य रखे तो फिर से उजाला होगा, फिर से खुशियां जगमगाएंगी।
दुनिया अपनी धुरी पर यूंही घूमती रहेगी, कभी पूरब तो कभी पश्चिम!! हम भी यूहीं रहेंगे, कभी चेत तो कभी अवचेत...अगर ऊर्जा को न पहचाना तो हम तो जिंदा रहेंगे, लेकिन प्रेम कहीं मर जाता है।

नेतिरी अपनी दुनिया में जीती है, जैक ख्वाबों में रहता है
अब आंखे है तो ख्वाब कंपलसरी है। वहीं देखते है जो अच्छा लगे, वही इमेज बनाते है जो हमे गुदगुदाए।
प्रेम शायद सबसे बेहतरीन ख्वाब है...
छोड़िए मियां, कुछ और बाते करते है

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