...

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जिंदगानी ऐसी भी
ना कहकर होगा ना सहकर होगा
अल्फ़ाज़ है मेरे सखी अब
इनमें घुलकर ही कहर होगा
हर जुवां पर हसीं होगी
हर दिलों पर रजा होगी
ना कहकर होगा ना सहकर होगा
अल्फ़ाज़ है मेरे सखी अब
इनमें घुलकर ही कहर होगा
© Jagdish Chandra jd