ख्वाब में तुम
मेरे ख्वाब में
तुम कुछ ऐसे हो।
रोज़ बातें करती हूं तुमसे,
मेरे ज़हन में तुम्हारे प्यार
के कुछ तारीफे है;
जो बदलते रहते है मौसम के तरह।
सुबह होती है और मुझको लगता है,
दरवाजे पर खड़े हो तुम,
हाथों में दूध की थैली और...
तुम कुछ ऐसे हो।
रोज़ बातें करती हूं तुमसे,
मेरे ज़हन में तुम्हारे प्यार
के कुछ तारीफे है;
जो बदलते रहते है मौसम के तरह।
सुबह होती है और मुझको लगता है,
दरवाजे पर खड़े हो तुम,
हाथों में दूध की थैली और...