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आप ही बदल गए
#दिनांक:-14/7/2024
#विधा:- ग़ज़ल
#शीर्षक:-आप ही बदल गए।

हम अपने जंजालो में और फंसते चले गए,
उन्हे लगा यारों, हम बदल गए ।

करके नजदीकी, ये दूर तलक भरम गए,
कुण्ठा के मस्तक पर ,दाग नया दे गए।

खुशी की अपील नहीं मुस्कुराहट मॉगे,
आपाधापी की जिन्दगी से अनगिन आप गए।

ऐसा नहीं कि हम उन्हे याद नहीं, ...