...

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उसका कुछ नहीं हो सकता
बड़े दिनों की ललक छिपी थी,
बन जाऊं मैं सबसे महान।
इसीलिए छल गुरु से करके
भर दिए तुमने सबके कान।।
अपने संस्कारों को भूले
मर्यादा रिश्तो की तोड़ी।
पद की चमक में अंधे...