...

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सुन ओ प्यारे
है तेरी कहानी सुन ओ प्यारे,
क्यु है तू बावरा सुन तू प्यारे l
बंद नगरी को समझ बैठा तू आशियाना,
नगरी का है राही तू प्यारे l
बावली सी अल्हड़पन चंचल है चित तेरा,
सुन ओ प्यारे तेरा ग्यान है अभी अधूरा l
माटी सा रुप माटी की दुनिया
तू एक नहीं तू दो किरदार है बावला l
सुन ओ प्यारे
जन्म से हैं तू मिटी मन से हैं तू चेतना,
मिटी समझ तू फिरा मारा - मारा
पूजना था आत्म बल को विवेक को
पूजता रह गया तू माटी l
सुन ओ प्यारे
ना कर तू नादानी
उड़ जा तू ज़मी पर सृजन किए..