शायरी
शायद तू सच कहता है
तेरे बिना ये पल अधुरे लगते है मेरे
तेरा हँसना तेरा मुस्कुराना तेरा प्यार से बातें करना
ख्वाहिशे लगते है सारे
तू कश्ती हैं किसी सैलाब का
मंजर हैं किसी बाग का
की जो लबों पे उतर...
तेरे बिना ये पल अधुरे लगते है मेरे
तेरा हँसना तेरा मुस्कुराना तेरा प्यार से बातें करना
ख्वाहिशे लगते है सारे
तू कश्ती हैं किसी सैलाब का
मंजर हैं किसी बाग का
की जो लबों पे उतर...