संवर जाउँ
सूनी पड़ी दिल की गलियारा
ख़ामोश हुई बतिया
समेटे रखे है अरमान आँखों के
तू आए तो बाहों में बिखर जाउँ
धुँधला गया चेहरे का नूर ...
ख़ामोश हुई बतिया
समेटे रखे है अरमान आँखों के
तू आए तो बाहों में बिखर जाउँ
धुँधला गया चेहरे का नूर ...