...

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मै और मेरा झूठ
एक बार की बात थी!
मै अकेली पर मेरी परछाई मेरे साथ थी
हम टूर पर गए थे जब रात थी!
समझ मे कुछ आया नहीं!
खाने मे कुछ भाया नहीं!
मेरी सहेली मेरे साथ थी
ये एक हसी की बात थी!
वो फेकती दो मै फेकती चार!
सोची बहका दूँगी उसको अबकी बार!
साइड मे एक लड़की खड़ी हमारे पास थी ! वो हम दोनो की भी बाप थी!
हमारे झूठ को पकड़ गयी!
उसे देख मेरे और मेरी सहेली की जुबान अकड़ गई!
क्योंकि झूठे हम और झूठी सारी हमारी बात थी!
पर हम दोनो मे भी तो कुछ बात थी!
दोनो ने मिलकर चतुर चिड़िया को मात दी!
यारो का साथ जरूरी है!
हसने और हँसाने के लिए झूठी सच्ची बात जरूरी है!
ओए सुनो इन दोस्तो के बिना दुनिया अधूरी है!
© varsha rajput