मजहब़
गर्व नहीं हिंदु होने का, गर्व है हिंदुस्तान का होने का।
चाह नहीं हिंदु राष्ट्रवादी बनने का,चाह है हिंदुस्तान का राष्ट्रवादी बनने का।
मजहब़ मात्र ईश्वर में आस्था का प्रतीक है,बँटवारे का नहीं ।
हिंदुस्तान की प्रस्तावाना धर्मनिर्पेक्षता की बात करती है,किसी धर्म को हिंदुस्तान मानने की नहीं ।
मजहब़ हमारी पहचान नहीं ,वतन हमारी पहचान है।
इसलिए तो भारत का दुनिया में मान है।
चाह नहीं हिंदु राष्ट्रवादी बनने का,चाह है हिंदुस्तान का राष्ट्रवादी बनने का।
मजहब़ मात्र ईश्वर में आस्था का प्रतीक है,बँटवारे का नहीं ।
हिंदुस्तान की प्रस्तावाना धर्मनिर्पेक्षता की बात करती है,किसी धर्म को हिंदुस्तान मानने की नहीं ।
मजहब़ हमारी पहचान नहीं ,वतन हमारी पहचान है।
इसलिए तो भारत का दुनिया में मान है।