...

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आज़ादी
मेरी आजादी ,,,कभी फीकी न पड़े
मेरी ज़िन्दगी ,,उड़ती हुई जमीं पे
फिर मैं,,, तेरे साथ लौट आऊं ,,मिट्टी में मिल
तेरी आंखें ,,,कभी नम न हो , दरिया क्यों
आज़ादी वाला ,,मेरे हिस्सा आएं ,,फसलों में
जो तेरे लिए इश्क़ है ,,वो आबाद रहे ,,केसरी रंग बिखरे
कुर्बानी जो तेरी थी ,,बस तेरे संग आरज़ू
कभी तेरा प्यार कम न पड़े ,,वो रोशनी तेरी
,,चांद सूरज जैसे ,,, चमकेंगे हम हर आजा़दी में।