...

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अहिंसक स्वदेश
हिंसक नहीं अहिंसक स्वदेश चाहिए,
चाहिए अमन चैन तो आज भी भारतवर्ष को
गांधीवादी विचार चाहिए||
अनेकता में एकता का प्रभाव चाहिए|
कहा था बापू ने अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त वतन चाहिए|
गोरों की कैद में सुरक्षित नहीं है राष्ट्र
हमें हिंदुस्तान में भाईचारे का भाव चाहिए|
मत करो गोरों की गुलामी हमें अपने स्वदेश में अपना अधिकार चाहिए|
त्याग करो विदेशी वस्तुओं का हमें भारत की मिट्टी का अनाज खादी का बना परिधान चरखे का सूत चाहिए|
हिंसक नहीं अहिंसक स्वदेश चाहिए,
चाहिए अमन चैन तो आज भी भारत वर्ष को
गांधीवादी विचार चाहिए||
24 दिनों की तय हुई थी दांडी यात्रा कहा था बापू ने हमें अपने नमक पर अधिकार चाहिए|
भारत छोड़ो फिरंगीयों हमें आजाद हिंदुस्तान चाहिए|
|| बंदे में था दम वंदे मातरम||
पोरबंदर में जन्मे मोहन दास सत्य अहिंसा के पथ पर चल कर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने
देदी अंग्रेजी हुकूमत को मात|
ऐसे हुआ गुलामी की जंजीरों को तोड़ भारत आजाद|
शत शत नमन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को बारंबार|
हिंसक नहीं अहिंसक स्वदेश चाहिए,
चाहिए अमन चैन तो आज भी भारत वर्ष को
गांधीवादी विचार चाहिए||



© Kajal Mishra ✍️