...

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गम है जिंदगी मे.
गम है जिंदगी मे या गमें जिंदगी चल रही है
पल पल उम्र हर रोज ढल रही है

हर रोज लगता है आखिरी इम्तिहान है ये
जीना मगर कहाँ इतना आसान है ये

शमां सी रोज अश्कों की बाती जल रही है
पल पल उम्र हर रोज ढल रही है

ना जाने कब तुमसे मुलाक़ात होगी
सपनों सी जिंदगी की सच मे बात होगी

उम्मीद हर पल यूँ ही मुझे छल रही है
पल पल उम्र हर रोज ढल रही है

किसी दिन तो तुम आओगे जरूर
वादा अपना निभाओगे जरूर

बस इस आंस मे साँसे संभल रही है
पल पल उम्र हर रोज ढल रही है.
© Rashmi Garg