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अनसुना प्यार
बिन कहे जो अल्फाज़ बन जाए
बिन सुने जो ख्वाब सज जाए
वही तो प्यार है जनाब
जो शायरी बन मुकम्मल हो जाए

आंखो से आंसू बन
होठों पे मुस्कान सज
तुम्हारे सारे गमों को पी जाए
वही तो प्यार है जनाब
जो तुम्हें तुमसे वाकिफ करा जाए

ना कुछ कहने को रह जाए
ना कुछ सुनने को बच जाए
फिर भी बातें हजार हो जाए
वही तो प्यार है जनाब
जो मौन से भी बातें करा जाए

शब्दों में कहीं गुमनाम है
बेशब्दों में जो बदनाम है
जीना जो आसान करा जाए
वही तो प्यार है जनाब
जो अल्फाज़ बन उभर आए

हाल दिल का बुरा है
वो पास फिलहाल कहां है
फिर भी उसके आने की...