महफ़िल ख़त्म न हो तो मैं उठता नहीं हूं...
ठहरा हुआ दरिया हूं अब बहता नहीं हूं।
मैं अपने आप में बिल्कुल रहता नहीं हूं।।
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उसका हुनर है कि क्या क्या नहीं करता,
वो भी सुन लेता है जो मैं कहता नहीं हूं।।
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मेरे सारे दोस्त मेरी इसी अदा पे फ़िदा हैं,...
मैं अपने आप में बिल्कुल रहता नहीं हूं।।
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उसका हुनर है कि क्या क्या नहीं करता,
वो भी सुन लेता है जो मैं कहता नहीं हूं।।
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मेरे सारे दोस्त मेरी इसी अदा पे फ़िदा हैं,...