बन्द पलको में,,
बन्द पलकों में रहती है तेरी सूरत सदा
नजर आती नही हो कही फिर भी
लगता है, रहती हो मेरे आस पास ही सदा
मेरे ख्वाबों के आसमान में, इन्द्र धनुष हो तुम
बहती...
नजर आती नही हो कही फिर भी
लगता है, रहती हो मेरे आस पास ही सदा
मेरे ख्वाबों के आसमान में, इन्द्र धनुष हो तुम
बहती...