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जीवन के ठहराव
// #जीवनकेठहराव //

दो सांसों की बीच तोरे प्रेम की हलचल,
अमृत सागर सा बहा अविरल कलकल;
दिल नांव सा धड़का लहरों पर पलपल,
सुरमई सांस स्पंदन छू गई मन कंमडल।

उत नभ में तारे ठहरे देखते चारु चंद्रमा,
इत धरा पर ठहरा करत रूप की उपमा;
पूर्ण हुआ हो रंक का राजा बनन सपना,
जीवन ने पाया कोई सबसे प्रिय अपना।

दो पल की जिंदगी दो सांसों की बन्दगी,...