जीवन के ठहराव
// #जीवनकेठहराव //
दो सांसों की बीच तोरे प्रेम की हलचल,
अमृत सागर सा बहा अविरल कलकल;
दिल नांव सा धड़का लहरों पर पलपल,
सुरमई सांस स्पंदन छू गई मन कंमडल।
उत नभ में तारे ठहरे देखते चारु चंद्रमा,
इत धरा पर ठहरा करत रूप की उपमा;
पूर्ण हुआ हो रंक का राजा बनन सपना,
जीवन ने पाया कोई सबसे प्रिय अपना।
दो पल की जिंदगी दो सांसों की बन्दगी,...
दो सांसों की बीच तोरे प्रेम की हलचल,
अमृत सागर सा बहा अविरल कलकल;
दिल नांव सा धड़का लहरों पर पलपल,
सुरमई सांस स्पंदन छू गई मन कंमडल।
उत नभ में तारे ठहरे देखते चारु चंद्रमा,
इत धरा पर ठहरा करत रूप की उपमा;
पूर्ण हुआ हो रंक का राजा बनन सपना,
जीवन ने पाया कोई सबसे प्रिय अपना।
दो पल की जिंदगी दो सांसों की बन्दगी,...