...

4 views

kavita: एक अरसा जागे फिर ऐसी गहरी नींद पाई
एक अरसा जागे फिर ऐसी गहरी नींद पाई
तिनका तिनका करके हमने खुशियाँ कमाई

रात भर जागकर सितारों को कहानी सुनाई
तब कहीं जाकर सुबह उनसे विदाई पाई

चिट्ठी में लिखा था मेरे बारे में मैं पढ़ नहीं पाई
फिर उसने ख़ुद ही पढ़कर मेरी बुराईयाँ सुनाई

जितनी करी उसने उससे कहीं ज्यादा जताई
बदले में मोहब्बत के बस उसकी मार ही पाई

मेरे नहीं मेरी गैरमौजूदगी के साथ निभाई
उसने अपनी चाहत भी अजीब ढंग से जताई

कसम सारी उसने पहले ख़ुद से ही खाई
फिर जितनी भी निभाई बेमन से निभाई
© Pooja Gaur