तारीफ़ खुद की
चलो एक बार ही सही,
तारीफ कभी खुद की हो,
दुसरो को यूं देखकर,
क्यों अपना मन उदास तुम करो,
जीवन में आए हर मोड़ को तुम,
जरा मुस्कुरा कर उसका सामना तो करो,
ज़रा एक बार अपनी मन की बात,
खुद अकेले...
तारीफ कभी खुद की हो,
दुसरो को यूं देखकर,
क्यों अपना मन उदास तुम करो,
जीवन में आए हर मोड़ को तुम,
जरा मुस्कुरा कर उसका सामना तो करो,
ज़रा एक बार अपनी मन की बात,
खुद अकेले...