सफर मोहब्बत का
#WritcoPoemPrompt89
सफर पर निकले थे यार हम मंजिल की तलाश में
गुफ्तगू कर बैठे इक अजनबी से महफ़िल की आश में
बहक गए यूं हम कि फिर राहें भटक गई
भूल बैठे हैं आज खूद को भी हम किसी को पाने की प्यास में
© rupali shrivastav
सफर पर निकले थे यार हम मंजिल की तलाश में
गुफ्तगू कर बैठे इक अजनबी से महफ़िल की आश में
बहक गए यूं हम कि फिर राहें भटक गई
भूल बैठे हैं आज खूद को भी हम किसी को पाने की प्यास में
© rupali shrivastav
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