हमें भी कोई मिल जाए !
कोई हमें भी बिना कहे समझ जाए।
ऐसा कोई हमें भी मिल जाए।।
हंसी में हमारे दर्द को समझ जाए।
धीरे से हमारे सर को सहला जाए।।
बिन बोले हमारी खामोशियों को पढ़ जाए।
लबों को खोलें बिना ही वो हमारी बातें समझ जाए ।।
ऐसा हमें भी कोई मिल जाए।
जिस्म से नहीं रूह से हमारा हो जाए।।
© Anu
ऐसा कोई हमें भी मिल जाए।।
हंसी में हमारे दर्द को समझ जाए।
धीरे से हमारे सर को सहला जाए।।
बिन बोले हमारी खामोशियों को पढ़ जाए।
लबों को खोलें बिना ही वो हमारी बातें समझ जाए ।।
ऐसा हमें भी कोई मिल जाए।
जिस्म से नहीं रूह से हमारा हो जाए।।
© Anu
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