...

6 views

मेरी लेखनी
कभी ख्वाबों का जहान लिखती हूं
कभी आसमान की उड़ान लिखती हूं
मैं जिस सख्स से मिलती हूं
उससे जुड़ी वारदात लिखती हूं
मैं खुद को समझने की थोड़ी
अपनी कमियां लिखती हूं
कभी दूसरों को हंसाने की वजह लिखती हूं
मैं दुनिया में लोगों की कमियां भी लिखती हूं
तो कभी सभी की बरबादी का कारण भी लिखती हूं
मैं अक्सर जिस दर्द से गुजरती हूं
मैं उसकी जुबानी लिखती हूं
पर‌ फिर भी मैं खुद को हर‌ तरह‌ से हारा हुआ लिखती हूं
___पल्लवी......