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फूल और समंदर
फूल और समुंदर की कहानी

जो इश्क के झरनों को समझें,
वे जानें फूलों ओर समुंदर को इश्क के झरने,
फूल और समुंदर एक दूजे इश्क के कुमकुम हों,
इश्क ने उलझाए रहस्य, जिनमें जवानियां हैं जवा,
फूल और समुंदर के इश्क की कहानियां दिलबाग करे,
फूलों ओर बगीचों से छुपा छुपा सा नूरानी इजहार हैं,
न जाने इश्क के रहस्य,
न जाने ऐतबार सितारों का दिल,
फलों में फल हैं, फूलों के संग हैं दिल,
बगीचों में फूलों का मुस्कुराना, हरियाली हुआ।
मगर रहस्यों में कई बिजलियां हैं,
चांद के तारों को रहस्यों से जोड़कर इश्क हो रहा,
फूल छुपके से, निहारे समुंदर का बजाज,
फूल ओर समुंदर करे इजहार, कुदरत के समक्ष।
समीक्षा खूबी हों समुंदर की, जब फूल करे इजहार,
न समझे मनमानियां, न लहरे ओझल हुई,
न समझे मौजे की रुस्वानियां, न माने रसीली रसिया।
फूलों में तेज तड़का हैं, रास्ते भड़की हैं,
जलन भी चमन में भड़की हैं, फूलों के रस का निहार,
बिहार में भी जाइए तो भी मिलता है बर्फ का फुहार,
फूलों ओर समुंदर के इश्क का समुंदर फूला, फूला।
ऐसा कोई इश्क जिसका वर्चस्व मशहूर हो रहा,
जिस इश्क के जामुन ने, दही में ओस भरी हैं,
फूल ओर समुंदर दोनो जोड़ियां खूबियों के मालिक हैं
समुंदर संग फूलों के होंठ शबनम से चमकी हैं।
इन दोनो का इश्क जैसे खुदा को उपहार,
इन दोनो ने किया जमानों को गुलशन का इजहार,
फूलों ओर सुगंध की उत्पत्ति हुई इश्क शौक से,
समंदर जल में फूल बरसे, वारिस में अगर,
तो भी समुंदर फूल एक दूजे संग तैरे,