“नहीं लौटता बचपन दोबारा”!!
नहीं लौटता बचपन दोबारा
ये क्यों खो जाता है?
वो मस्ती, वो नादानी याद करके
आंखों में पानी आ जाता है,
खेल-कूद का वह समय
निर्छल ह्रदय कहलाता है ,
नहीं लौटता बचपन दोबारा
ये क्यों खो जाता है?
ना फिक्र हो...
ये क्यों खो जाता है?
वो मस्ती, वो नादानी याद करके
आंखों में पानी आ जाता है,
खेल-कूद का वह समय
निर्छल ह्रदय कहलाता है ,
नहीं लौटता बचपन दोबारा
ये क्यों खो जाता है?
ना फिक्र हो...