वो पल
बड़े क़ीमती पल थे उस लम्हे के,
लफ्ज़ो के साथ अल्फाज़ मिला करते थे,
बैठ के ज़मी या फर्श पे,
अपनों के अल्फाज़ घिरा करते थे,
सपनो के सागर मे डूब के आगे,
हम अपनों से हमेशा मिला करते थे,
बड़े क़ीमती पल थे उस लम्हे के,...
लफ्ज़ो के साथ अल्फाज़ मिला करते थे,
बैठ के ज़मी या फर्श पे,
अपनों के अल्फाज़ घिरा करते थे,
सपनो के सागर मे डूब के आगे,
हम अपनों से हमेशा मिला करते थे,
बड़े क़ीमती पल थे उस लम्हे के,...