टूटे अक्स
#टूटेअक्स
किसे जानूं, किसे परखूं
मैं जब खुद को ही न समझ पाई
किसे मानूं कि अपना है,
जब मैं खुद की भी न हो पाई
हुई मैं दूर सबसे,
तय करने जिंदगी का सफर
लगा जैसे जिंदगी ही अब
हर पल कर रही है सफर
जो खुद से ही किया वादा
मैं उसमें भी न पक्की हूं ...
किसे जानूं, किसे परखूं
मैं जब खुद को ही न समझ पाई
किसे मानूं कि अपना है,
जब मैं खुद की भी न हो पाई
हुई मैं दूर सबसे,
तय करने जिंदगी का सफर
लगा जैसे जिंदगी ही अब
हर पल कर रही है सफर
जो खुद से ही किया वादा
मैं उसमें भी न पक्की हूं ...